एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा
माथे पे मेरे चमके उजाला
दिल में तू ही समाया
मेरे सजना फागुन आया
साहिब जी सुल्तान जी
क्यों मेरा दिल तङपाया । ।
ख्वाबों में देखे थे फूल मैंने
जागी तो कुछ भी न पाया
ऑखों के पानी में डूबे सपने
मुझे नींद से किसने जगाया ।
आस ही आस में बीती उमरिया
मट्टी में मिल गई काया । ।
पूनम का चन्दा चमके गगन में
मेरे मन में कोहरा सा छाया
जिस कारन दुनिया में आयी
उसको ही ना पाया ।
बागों में फूल खिले भी तो क्या है
दिल का चमन मुर झाया । ।
ना मेरे रुप सरुप है प्रीतम
ना मेरी सोरन काया
तुम हमसे रुठे परदेसी
हम से मनाना ना आया ।
लिखने वाले से ना जाने क्या
करमों में मैंने लिखवाया । ।
तुम तो अगम देस के बासी
दर दर हमको फिराया
इस काया के दरपण में देखा
था तेरा नूर समाया ।
कोई जाके उससे कहियो
मेने रस्ते पे दिवा जलाया ......
माथे पे मेरे चमके उजाला
दिल में तू ही समाया
मेरे सजना फागुन आया
साहिब जी सुल्तान जी
क्यों मेरा दिल तङपाया । ।
ख्वाबों में देखे थे फूल मैंने
जागी तो कुछ भी न पाया
ऑखों के पानी में डूबे सपने
मुझे नींद से किसने जगाया ।
आस ही आस में बीती उमरिया
मट्टी में मिल गई काया । ।
पूनम का चन्दा चमके गगन में
मेरे मन में कोहरा सा छाया
जिस कारन दुनिया में आयी
उसको ही ना पाया ।
बागों में फूल खिले भी तो क्या है
दिल का चमन मुर झाया । ।
ना मेरे रुप सरुप है प्रीतम
ना मेरी सोरन काया
तुम हमसे रुठे परदेसी
हम से मनाना ना आया ।
लिखने वाले से ना जाने क्या
करमों में मैंने लिखवाया । ।
तुम तो अगम देस के बासी
दर दर हमको फिराया
इस काया के दरपण में देखा
था तेरा नूर समाया ।
कोई जाके उससे कहियो
मेने रस्ते पे दिवा जलाया ......
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thank you